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हिंदी शायरी | शायरी संग्रह

HINDI SHAYARI | SHAYARI SANGRAH तुम गुनहगार हो मुझे शिकायत है फिर भी ना जाने क्यों तुम्हें बेकसूर समझकर छोड़ देने की चाहत है कोई सजा दूं मेरे दिल को तकलीफ होती है सभी लोग अपनों से हार जाते हैं लंबे समय से रिश्ता तोड़ने की कोशिश करता रहा हूं तुम्हारी गुस्ताखी से लड़ता रहा हूं दर्द हद से ज्यादा मिला है मैं गम में जिए जा रहा हूं आजकल आंखों से आंसू रुकते नहीं है जो तुझमें वफा ढूंढने की कोशिश रही है उम्मीदों पर पानी फिरने लगा है अपनी मोहब्बत का मीठा जहर मेरे जिंदगी में घोलकर सिर्फ गुमराह करती रही हो जिस तरह बर्बाद हो गया हूं न हंस पा रहा हूं न रो पा रहा हूं shayari
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SHAYARI SANGRAH shayari shayari shayari अपनी मुस्कान से दिल को चुराने लगी है आजकल इश्क का गुल खिलाने लगी है हर वक्त मुलाकात को बेकरार रहने लगा हूं कुछ इस तरह मन को लुभाने लगी है shayari

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अपने वादों से मुकरने लगी हो-Hindi Love Shayari

अपने वादों से मुकरने लगी हो आखिर क्यों इरादा बदलने लगी हो मुझसे मन भर चुका है या किसी और को पसंद करने लगी हो मुझसे क्या खता हो गई है आजकल गुस्से में रहने लगी हो जो पहले करती थी वही प्यार ढूंढने की कोशिश करने लगा हूं वह राज क्या है जिसके वजह से बदलने लगी हो वह बेवफा हो गई है दौलत देखकर किसी और पर फिदा हो गई है अपनी औकात के मुताबिक सब कुछ देने की कोशिश किया गलत प्यार की वजह से ख्वाहिशे अधूरी रह गई है

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उनसे मुलाकात हुई-Love shayari

उनसे मुलाकात हुई हम हजारों ख्वाब देखने लगे हैं वह हर पल यादों में रहते हैं अब दूर रहना गवारा नहीं लगता है आजकल मन के एहसासों में मोहब्बत की खुशबू महकने लगी है

कभी सोचा ना था यूं छोड़ जाएंगे

कभी सोचा ना था यूं छोड़ जाएंगे जो हर वक्त मेरे दीदार को बेचैन रहते हैं टूट कर बिखर गए शीशे की तरह दर्पण में खुद को पहचान नहीं पाते हैं