हर मुलाकात पर वह मेरे करीब होने लगे उनको करीब होते देख कर हम ज़िंदगी का सपना संजोने लगे मन खुशी से झूम जाता है उनके वादों से मेरे दिल के आसपास प्यार के फूल खिलने लगे हैं
अपने वादों से मुकरने लगी हो आखिर क्यों इरादा बदलने लगी हो मुझसे मन भर चुका है या किसी और को पसंद करने लगी हो मुझसे क्या खता हो गई है आजकल गुस्से में रहने लगी हो जो पहले करती थी वही प्यार ढूंढने की कोशिश करने लगा हूं वह राज क्या है जिसके वजह से बदलने लगी हो वह बेवफा हो गई है दौलत देखकर किसी और पर फिदा हो गई है अपनी औकात के मुताबिक सब कुछ देने की कोशिश किया गलत प्यार की वजह से ख्वाहिशे अधूरी रह गई है