बहुत तकलीफ होता है जब वह मेरे सामने किसी और से मिलते हैं मैं कुछ कर नहीं सकती लाचार सी रहती हूं क्योंकि उनके ऊपर मेरा हक नहीं है सिर्फ प्यार ही तो करती हूं शादी हो गई होती कुछ अधिकार भी होता
अपने वादों से मुकरने लगी हो आखिर क्यों इरादा बदलने लगी हो मुझसे मन भर चुका है या किसी और को पसंद करने लगी हो मुझसे क्या खता हो गई है आजकल गुस्से में रहने लगी हो जो पहले करती थी वही प्यार ढूंढने की कोशिश करने लगा हूं वह राज क्या है जिसके वजह से बदलने लगी हो वह बेवफा हो गई है दौलत देखकर किसी और पर फिदा हो गई है अपनी औकात के मुताबिक सब कुछ देने की कोशिश किया गलत प्यार की वजह से ख्वाहिशे अधूरी रह गई है