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जनवरी, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कभी सोचा ना था यूं छोड़ जाएंगे

कभी सोचा ना था यूं छोड़ जाएंगे जो हर वक्त मेरे दीदार को बेचैन रहते हैं टूट कर बिखर गए शीशे की तरह दर्पण में खुद को पहचान नहीं पाते हैं

जब प्यार परवान चढ़ता है

जब प्यार परवान चढ़ता है हर दीवार टूट जाती है मिलने से रोकने की कोशिश करती है जो सच्ची मोहब्बत हो जाए किसी से फिर जान बनके दिल में उतर जाती है यू मोहब्बत भरी नजरों से देखकर दिल को नमकीन कर देती है होने लगता हूं जब उसके करीब एक झटके में दूर कर देती है

बहुत तकलीफ होता है

बहुत तकलीफ होता है जब वह मेरे सामने किसी और से मिलते हैं मैं कुछ कर नहीं सकती लाचार सी रहती हूं क्योंकि उनके ऊपर मेरा हक नहीं है सिर्फ प्यार ही तो करती हूं शादी हो गई होती कुछ अधिकार भी होता

हर मुलाकात पर वह मेरे करीब होने लगे

हर मुलाकात पर वह मेरे करीब होने लगे उनको करीब होते देख कर हम ज़िंदगी का सपना संजोने लगे मन खुशी से झूम जाता है उनके वादों से मेरे दिल के आसपास प्यार के फूल खिलने लगे हैं हम तलाश करते हैं जिंदगी बेचैनी सी रहती है कहां मिलेगा दिल को सुकून सोचा था उनका प्यार मिले तो हमारी चाहतों को कोई मुकाम मिल जाए